A poem by Rajiv Handa
Nehal........ 1. जब इरादों में हो दम, तो मंज़िल मिल ही जाती है। मुसलसल कोशिशें ना हो कम, तो मंज़िल मिल ही जाती है। खलिश हो दिल में जब हरदम,…
Nehal........ 1. जब इरादों में हो दम, तो मंज़िल मिल ही जाती है। मुसलसल कोशिशें ना हो कम, तो मंज़िल मिल ही जाती है। खलिश हो दिल में जब हरदम,…
By Vaidicka A new stone looks up to her elevated face everyday wondering what form it'll take on this time will it be a landscape that'll knock…